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आईजीयू में ‘अटल FDP’ का समापन सत्र आयोजित।

Published on: 23 Nov 2025

*आईजीयू में ‘अटल FDP’ का समापन सत्र आयोजित।*


इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर, रेवाड़ी में आयोजित छह दिवसीय अटल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (ATAL FDP) का समापन सत्र आयोजित किया गया। अंतिम दिन के विशेष सत्र में डॉ. पवन धार, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, CVJ सेंटर फॉर सिंथेटिक बायोलॉजी एंड बायोमैन्युफैक्चरिंग, कोच्चि (केरल) ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने एजुकेशन पॉलिसी एंड दियर इंप्लीमेंटेशन एंड सिंथेटिक बायोलॉजी एंड बायोमैन्युफैक्चरिंग विषय के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।

डॉ. धार, जिन्हें बायोइंजीनियरिंग क्षेत्र में लगभग 30 वर्षों का अनुभव है, विभिन्न देशों में सेवाएं दे चुके हैं और भारत में जेएनयू के प्रोफेसर भी रह चुके हैं। वर्तमान में वे कोच्चि स्थित प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थान में डायरेक्टर हैं। अपने व्याख्यान में उन्होंने बताया कि— जब बायोलॉजी और इंजीनियरिंग को एकीकृत किया जाता है तो नई तकनीकें जन्म लेती हैं, जिसे हम बायोइंजीनियरिंग के रूप में जानते हैं। आने वाली पीढ़ी के लिए बायोइंजीनियरिंग अत्यंत उपयोगी और करियर-उन्मुख क्षेत्र है। इस क्षेत्र में रिसर्च के अनगिनत अवसर उपलब्ध हैं और भारत इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

कार्यक्रम के वैलिडिक्टरी सेशन में डॉ. दीपक, डीन आफॅ कालेज, FDP कोऑर्डिनेटर प्रो. सत्येंद्र बल एवं को-कोऑर्डिनेटर प्रो. पंकज कुमार त्यागी ने सभी प्रतिभागियों एवं आयोजन समिति का आभार व्यक्त किया।

डॉ. दीपक ने कहा कि “यह FDP हमारे विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक कदम है। भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहेगा।” 

इसके बाद प्रोफेसर सत्येंद्र बल और अन्य वरिष्ठ फैकल्टी सदस्यों ने सभी शिक्षक, प्रतिभागियों व शोधार्थियों का धन्यवाद किया और आयोजन समिति के उत्कृष्ट प्रबंधन की सराहना की। इस FDP में रेवाड़ी एवं आसपास के विभिन्न कॉलेजों से आए 30 से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसर, रिसर्च शोधार्थी और विद्यार्थी शामिल हुए। 

प्रोफेसर पंकज कुमार त्यागी ने AICTE-ATAL विभाग का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। इसी वर्ष अटल ने इस एफडीपी को स्पॉन्सर किया था और साथ में यह भी बताया कि “इस प्रकार के कार्यक्रम फैकल्टी की शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाते हैं तथा नए शोध आयामों को विस्तार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।” अंत में प्रो. सत्येंद्र बल और प्रो. पंकज त्यागी ने एफडीपी के सफल संचालन हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन का धन्यवाद किया।